दौरान इस नियम को अनदेखी की गई, जिससे गिने-चुने शिक्षकों को ही इसका लाभ मिला। शेष अन्य शिक्षक जो कि अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किए थे और पात्र भी थे इससे वंचित रह गए। कई शिक्षक इस जिले में पांच से 10 वर्ष तक कार्य कर चुके हैं, उनका स्थानांतरण नहीं करके अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से 54 हजार शिक्षकों का अंतरजनपदीय स्थानांतरण की घोषणा की गई थी, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के मंशा के विपरीत कार्य करते हुए सिर्फ 21694 शिक्षकों का ही स्थानांतरण किया गया। प्रदर्शन में मौजूद गीता निरंजन, बबीता, रीता, मीनाक्षी, दुर्गेश, ज्योति, डिंपल, कल्पना, रेनू सिंह का कहना था कि स्थानांतरण नहीं होने से हम सभी बेहद निराश एवं हताश हैं। इस दौरान भूमिका, पारुल, राखी तोमर, प्रतिभा, अनीता, कामिनी, कौशल्या, स्नेहलता, अर्चना चौधरी, शीला, पूनम आदि मौजूद रहां। स्थानांतरण के आकांक्षी शिक्षकों ने डीएम को दिए पत्र में कहा है कि अगर हम लोगों को लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा तो जिले के सभी ब्लॉक, तहसील एयं बीएसए कार्यालय पर सोमवार से धरना प्रदर्शन करेंगे। जो स्थानांतरण की संशोधित सूचो जारी होने तक चलेगा।
सिद्धार्थनगर। अंतरजनपदीय स्थानांतरण नहीं होने से नाराज शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर एडीएम सीताराम गुप्ता को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्थानांतरण के लिए संशोधित सूची जारी करने की मांग को। कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने के दौरान अंतरजनपदीय स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षकों ने कहा कि बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार पिछड़े जिले से महिलाओं के लिए दो वर्ष और पुरुषों के लिए पांच वर्ष को सेवा जरूरी है। जबकि अंतरजनपदीय स्थानांतरण के
दौरान इस नियम को अनदेखी की गई, जिससे गिने-चुने शिक्षकों को ही इसका लाभ मिला। शेष अन्य शिक्षक जो कि अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किए थे और पात्र भी थे इससे वंचित रह गए। कई शिक्षक इस जिले में पांच से 10 वर्ष तक कार्य कर चुके हैं, उनका स्थानांतरण नहीं करके अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से 54 हजार शिक्षकों का अंतरजनपदीय स्थानांतरण की घोषणा की गई थी, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के मंशा के विपरीत कार्य करते हुए सिर्फ 21694 शिक्षकों का ही स्थानांतरण किया गया। प्रदर्शन में मौजूद गीता निरंजन, बबीता, रीता, मीनाक्षी, दुर्गेश, ज्योति, डिंपल, कल्पना, रेनू सिंह का कहना था कि स्थानांतरण नहीं होने से हम सभी बेहद निराश एवं हताश हैं। इस दौरान भूमिका, पारुल, राखी तोमर, प्रतिभा, अनीता, कामिनी, कौशल्या, स्नेहलता, अर्चना चौधरी, शीला, पूनम आदि मौजूद रहां। स्थानांतरण के आकांक्षी शिक्षकों ने डीएम को दिए पत्र में कहा है कि अगर हम लोगों को लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा तो जिले के सभी ब्लॉक, तहसील एयं बीएसए कार्यालय पर सोमवार से धरना प्रदर्शन करेंगे। जो स्थानांतरण की संशोधित सूचो जारी होने तक चलेगा।
दौरान इस नियम को अनदेखी की गई, जिससे गिने-चुने शिक्षकों को ही इसका लाभ मिला। शेष अन्य शिक्षक जो कि अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किए थे और पात्र भी थे इससे वंचित रह गए। कई शिक्षक इस जिले में पांच से 10 वर्ष तक कार्य कर चुके हैं, उनका स्थानांतरण नहीं करके अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से 54 हजार शिक्षकों का अंतरजनपदीय स्थानांतरण की घोषणा की गई थी, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के मंशा के विपरीत कार्य करते हुए सिर्फ 21694 शिक्षकों का ही स्थानांतरण किया गया। प्रदर्शन में मौजूद गीता निरंजन, बबीता, रीता, मीनाक्षी, दुर्गेश, ज्योति, डिंपल, कल्पना, रेनू सिंह का कहना था कि स्थानांतरण नहीं होने से हम सभी बेहद निराश एवं हताश हैं। इस दौरान भूमिका, पारुल, राखी तोमर, प्रतिभा, अनीता, कामिनी, कौशल्या, स्नेहलता, अर्चना चौधरी, शीला, पूनम आदि मौजूद रहां। स्थानांतरण के आकांक्षी शिक्षकों ने डीएम को दिए पत्र में कहा है कि अगर हम लोगों को लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा तो जिले के सभी ब्लॉक, तहसील एयं बीएसए कार्यालय पर सोमवार से धरना प्रदर्शन करेंगे। जो स्थानांतरण की संशोधित सूचो जारी होने तक चलेगा।