इसके लिए तीन स्तर पर संसाधन समूहों को तैयार करके प्रशिक्षण दिया जाना है। राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय समूहों का चयन करके 10 सितम्बर से प्रशिक्षण शुरू किया जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। केवल अयोध्या, झांसी और सोनभद्र में ही ऑनलाइन टेस्ट दिया गया। वहीं 20 जिलों से एक भी नामांकन नहीं आया। इसके लिए ऑनलाइन टेस्ट के बाद ही मेरिट बननी है और इस आधार पर ही राज्य स्तरीय समूह, जिला स्तर समूहों में चयन होना था लेकिन इसकी चयन प्रक्रिया पहले स्तर पर ही अटक गई है लिहाजा अब ब्लॉक स्तर तक प्रशिक्षण समय से पूरा नहीं हो पाएगा। प्री प्राइमरी की पढ़ाई के लिए इस सत्र में प्रशिक्षण दिया जाना है। राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक 4 हजार से ज्यादा ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। प्रदेश में 1.89 लाख आंगनबाड़ी हैं। यूपी में प्रशिक्षण फरवरी 2021 तक पूरा होना है।
प्रदेश में प्री-प्राइमरी की कक्षाएं शुरू करने का पहला चरण समय से शुरू नहीं हो पाया। 10 सितम्बर से राज्य स्तरीय समूह का प्रशिक्षण शुरू होना था लेकिन अभी तक चयन प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है। केवल तीन जिले ही ऐसे हैं जहां आॉनलाइन परीक्षण हुआ। 20 जिलों की प्रगति शून्य है। बाकी जिले ऐसे हैं जिन्होंने निर्धारित संख्या में आवेदन ही नहीं आए। इस वर्ष प्री प्राइमरी की पढ़ाई के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को परीक्षण दिया जाना है।
इसके लिए तीन स्तर पर संसाधन समूहों को तैयार करके प्रशिक्षण दिया जाना है। राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय समूहों का चयन करके 10 सितम्बर से प्रशिक्षण शुरू किया जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। केवल अयोध्या, झांसी और सोनभद्र में ही ऑनलाइन टेस्ट दिया गया। वहीं 20 जिलों से एक भी नामांकन नहीं आया। इसके लिए ऑनलाइन टेस्ट के बाद ही मेरिट बननी है और इस आधार पर ही राज्य स्तरीय समूह, जिला स्तर समूहों में चयन होना था लेकिन इसकी चयन प्रक्रिया पहले स्तर पर ही अटक गई है लिहाजा अब ब्लॉक स्तर तक प्रशिक्षण समय से पूरा नहीं हो पाएगा। प्री प्राइमरी की पढ़ाई के लिए इस सत्र में प्रशिक्षण दिया जाना है। राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक 4 हजार से ज्यादा ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। प्रदेश में 1.89 लाख आंगनबाड़ी हैं। यूपी में प्रशिक्षण फरवरी 2021 तक पूरा होना है।
इसके लिए तीन स्तर पर संसाधन समूहों को तैयार करके प्रशिक्षण दिया जाना है। राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय समूहों का चयन करके 10 सितम्बर से प्रशिक्षण शुरू किया जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। केवल अयोध्या, झांसी और सोनभद्र में ही ऑनलाइन टेस्ट दिया गया। वहीं 20 जिलों से एक भी नामांकन नहीं आया। इसके लिए ऑनलाइन टेस्ट के बाद ही मेरिट बननी है और इस आधार पर ही राज्य स्तरीय समूह, जिला स्तर समूहों में चयन होना था लेकिन इसकी चयन प्रक्रिया पहले स्तर पर ही अटक गई है लिहाजा अब ब्लॉक स्तर तक प्रशिक्षण समय से पूरा नहीं हो पाएगा। प्री प्राइमरी की पढ़ाई के लिए इस सत्र में प्रशिक्षण दिया जाना है। राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक 4 हजार से ज्यादा ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। प्रदेश में 1.89 लाख आंगनबाड़ी हैं। यूपी में प्रशिक्षण फरवरी 2021 तक पूरा होना है।